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महादेव बेटिंग ऐप के जरिए भारत में कैसे चल रहा था अरबों का काला कारोबार? सेलेब्स तक कैसे पहुंची जांच की आंच

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महादेव बेटिंग ऐप के जरिए भारत में कैसे चल रहा था अरबों का काला कारोबार? सेलेब्स तक कैसे पहुंची जांच की आंच

क्राइम //Maharashtra/Mumbai :

महादेव ऑनलाइन बेंटिंग ऐप का मामला करीब 6000 करोड़ रुपये का है। इस केस को लेकर 17 बॉलीवुड सेलेब्स और 100 से ज्यादा इंफ्लुएंसर्स ईडी के रडार पर हैं। ईडी 2022 से इस मामले की जांच कर रही है। ईडी ने रणबीर कपूर-श्रद्धा कपूर समेत कई सेलेब्स को पूछताछ के लिए समन भी भेजा है।

महादेव ऑनलाइन बेंटिंग ऐप इन दिनों सुर्खियों में है। इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने एक्टर रणबीर कपूर, एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर, हुमा कुरैशी, हिना खान और कॉमेडियन कपिल शर्मा को समन भेजकर सनसनी फैला दी है। इसको बनाने वाले सौरभ चंद्राकर की कहानी भी किसी अजूबे से कम नहीं है। 
छत्तीसगढ़ के भिलाई में कुछ साल पहले तक जूस की दुकान चलाने वाला सौरभ चंद्राकर ने ऑनलाइन बेटिंग का ऐसा मकड़जाल बुना कि कई बॉलीवुड सेलेब्स समेत लाखों लोग उसमे फंस गये। रिपोर्ट के मुताबिक, इस ऐप और ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए सौरभ चंद्राकर ने कुछ साल में ही करीब 6000 करोड़ की कमाई कर ली। 
कैसे चलता था महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप से सट्टा?
अब तक इस केस में ईडी ने 4 लोगों की गिरफ्तारी की है। इसमें दो सगे भाई सुनील दम्मानी, अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस का अधिकारी चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर शामिल है। महादेव बेटिंग ऐप को दुबई में बैठकर छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऑपरेट करते थे। ये दोनों महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर भी थे। मलेशिया, थाईलैंड हिंदुस्तान, यूएई में अलग-अलग बड़े शहरों में कॉल सेंटर खोले गए थे। इनके जरिए अलग-अलग सब्सिडी ऐप बनाकर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जाता था।
पुलिस-राजनीतिज्ञ और अपफसरों का गठजोड़
ईडी की जांच में साफ हुआ है कि महादेव बेटिंग ऐप के जरिए हजारों करोड़ रुपये का लेन-देन चल रहा है। यूएई में बैठकर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, पुलिस, ब्यूरोक्रेट्स और पॉलिटिशियन का एक नेक्सस तैयार कर महादेव बेटिंग ऐप को हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था।
बड़े शहरों में खोले गए इस ऐप के 30 कॉल सेंटर
दरअसल, हिंदुस्तान में छत्तीसगढ़ समेत कई अलग-अलग राज्यों के बड़े शहरों में महादेव बेटिंग ऐप के करीब 30 कॉल सेंटर खोले गए थे। इन कॉल सेंटर को बाकायदा एक चेन बनाकर बेहद शातिर तरीके से चलाया जा रहा था। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के दो बेहद करीबी अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था।
मनी ट्रेल
सबसे पहले अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से ज्ञल्ब् के जरिए बड़ी संख्या में बेनामी बैंक अकाउंट खोले गए। मेन प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और पैनल ऑपरेटर (कॉल सेंटर ऑपरेटर) इन सभी की मिली भगत से इस बैटिंग ऐप सिंडिकेट को चलाया जा रहा था। इस सिंडिकेट को चलाने के लिए पुलिस, पॉलीटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स को भी हिस्सेदारी दी गई थी।
बेटिंग ऐप में इस्तेमाल होता था हवाला का पैसा
अनिल दम्मानी का रोल इस सिंडिकेट में सिर्फ ऑनलाइन बेटिंग ऐप को ही चलाना नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर हवाला के जरिए आने वाले पैसे को बेटिंग ऐप में इस्तेमाल करने के साथ-साथ पुलिस, पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स को भी इसका हिस्सा मिलता था। ताकि कोई इन पर उंगली ना उठा सके। हवाला के जरिए मोटा कैश यूएई में बैठे प्रमोटर छत्तीसगढ़ में अनिल और सुनील दम्मानी को भेजते थे। छत्तीसगढ़ पुलिस के एक अधिकारी चन्द्र भूषण वर्मा तक ये पैसा पहुंचाया जाता था, जिसकी जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ पुलिस में तैनात पुलिस अधिकारी, ब्यूरोक्रेट्स और राजनीतिक प्रभाव वाले लोगों तक इस पैसे को बतौर रिश्वत पहुंचाना था। यह पैसा रायपुर के सदर बाजार में एक ज्वेलर के यहां हवाला के जरिए भेजा जाता था।
60 से 65 करोड़ रुपये का हवाला के जरिए हुआ ट्रांजैक्शन
ईडी की पूछताछ में अनिल दम्मानी ने बताया पिछले दो-तीन साल में वह अपने भाई सुनील के साथ मिलकर रवि उप्पल के कहने पर 60 से 65 करोड रुपये का ट्रांजैक्शन हवाला के जरिए कर चुका है। जिसमें से उसे 6 लाख रुपये मिले। अनील दम्मानी ने ये भी बताया कि ये दोनों अपनी ज्वेलरी की शॉप के जरिए हवाला का कारोबार भी चलाते हैं। इनकी चेट से पता चला कि ये दोनों भाई अनिल और सुनील यूएई में बैठे रवि उप्पल के लगातार संपर्क में थे।
सीएम के सलाहकार से संबंध
चन्द्र भूषण वर्मा कोई अच्छा पुलिस अधिकारी नहीं था, बल्कि उसके जो संबंध थे वह सीधे मुख्यमंत्री के पॉलीटिकल एडवाइजर विनोद वर्मा से थे। इसके दम पर वह महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप को ऑपरेट करने के लिए तमाम पुलिस अधिकारी ब्यूरोक्रेट और पॉलिटिशियन को मैनेज कर रहा था। 
ड्रग डॉन तपन सरकार के साथ भी जुड़ाव
सतीश चंद्राकर जिसे ईडी ने इस केस में गिरफ्तार किया था, वो भी महादेव ऐप के चार कॉल सेंटर चला रहा था। इसमें उसकी 5 परसेंट की हिस्सेदारी थी। साथ ही, सतीश की जिम्मेदारी अवैध पैसे के ट्रांजेक्शन की देखरेख करना भी था। जांच में यह भी साफ हुआ है कि सतीश चंद्राकर के संबंध एक नामी गैंगस्टर और ड्रग डॉन तपन सरकार के साथ भी थे जो इस मामले में फरार चल रहा है।
बॉलीवुड का क्या है कनेक्शन
दरअसल, इसी साल फरवरी में दुबई में महादेव ऑनलाइन गेमिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की शादी थी, जिसमें चार्टर्ड प्लेन से तकरीबन 17 बॉलीवुड हस्तियों को बुलाया गया था। वहां उनका स्टेज परफॉर्मेंस भी था। आरोप है कि इस परफॉर्मेंस के बदले में तमाम सेलेब्स को करोड़ों रुपये दिए गए। रणबीर कपूर पर आरोप है कि उन्होंने महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप की एक सपोर्टिंग ऐप को प्रमोट किया था। यही वजह है चंद्राकार की शादी में परफॉर्मेंस देने वाले सेलेब्स ईडी की जांच के दायरे में शामिल किए गए हैं।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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