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हे राम..! तुष्टीकरण की राजनीति में अंधी हुई कांग्रेस सरकार, वक्फ बोर्ड को देने जा रही है ऐसे खतरनाक अधिकारों के हथियार...

न्यूजठिकाना एक्सक्लूसिव

हे राम..! तुष्टीकरण की राजनीति में अंधी हुई कांग्रेस सरकार, वक्फ बोर्ड को देने जा रही है ऐसे खतरनाक अधिकारों के हथियार...

न्यूजठिकाना एक्सक्लूसिव//Rajasthan/Jaipur :

राजस्थान की कांग्रेस सरकार को शायद वाकई लगने लगा है कि अब राज्य की सत्ता से उसकी विदाई पक्की हो चुकी है। शायद यही वजह है कि तुष्टीकरण की राजनीति में वह इतनी अंधी हो गयी है कि उसने वक्फ बोर्ड को ऐसे अधिकार सौंपने का फैसला कर लिया है जिनका उपयोग हथियार के तौर पर किये जाने की आशंका बन गयी है। राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से उसकी वेबसाइट पर 2 अक्टूबर की रात 11 बजकर 7 मिनट पर हिंदी में और 11 बजकर 9 मिनट पर अंग्रेजी में ऐसा समाचार आया जिसमें अनुसार राज्य मंत्रिमंडल ने राजस्थान वक्फ नियम-2023 का अनुमोदन कर दिया है। समाचार में दावा किया गया है कि इन नियमों के लागू होने से राज्य में वक्फ कार्य अधिक सुगमता, स्पष्टता एवं पारदर्शिता के साथ सम्पादित हो सकेंगे।

राजस्थान सरकार की खबर यहां पढ़ें

| सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार (rajasthan.gov.in)

| सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार (rajasthan.gov.in)

समाचार में यह भी लिखा है, उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 109 में वक्फ के संचालन के लिए नियम बनाने की शक्ति राज्य सरकार को दी गई है। राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए नियम लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। ध्यान रखिये समाचार में स्पष्ट लिखा गया है कि उसने इस मामले उसने ‘तत्परता’ दिखाई है। इस बात पर ध्यान दें कि आखिर इस विशिष्ट मामले में तत्परता क्यों दिखाई गयी है..? इसके साथ ही सरकार ने यह भी लिखा है कि इन नियमों के लागू होने से राज्य में वक्फ कार्य अधिक सुगमता, स्पष्टता एवं पारदर्शिता के साथ सम्पादित हो सकेंगे। समाचार के इस शुरुआती पैराग्राफ देखकर तो ऐसा कुछ नहीं लगता कि सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की हद से गुजर जाना चाहती है लेकिन समाचार के तीसरे और चौथे पैराग्राफ में जो लिखा गया है, वह सबसे खतरनाक और आपत्तिजनक लगता है। खबर में लिखा गया है कि..

 इसी प्रकार, नियमों में वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति, पदावधि और सेवा सम्बन्धी प्रावधानों के साथ ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी को किसी भी लोक कार्यालय में किसी वक्फ सम्पत्ति से सम्बन्धित अभिलेख, रजिस्टर या दस्तावेजों के निरीक्षण का अधिकार दिया गया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी बोर्ड की कार्यवाहियों या अभिरक्षा में रखे अभिलेखों के निरीक्षण की आज्ञा निर्धारित फीस एवं शर्तों के अधीन रहते हुए दे सकेंगे। वहीं, अस्तित्व में नहीं रहे ओकाफ (वक्फ सम्पत्तियों) की जांच के लिए नियम बनाया गया है। वक्फ सम्पत्ति के प्रशासन से सम्बन्धित शिकायत प्राप्त होने पर बोर्ड द्वारा जांच कराए जाने का प्रावधान भी किया गया है।

इसी तरह समाचार के चौथे पैराग्राफ में लिखा गया है कि...

                 राजस्थान वक्फ नियम-2023 में वक्फ जायदादों के लेखों के अंकेक्षण, वक्फ सम्पत्ति के बिना बोर्ड की अनुमति अंतरित की गई सम्पत्ति को वापस लेने, सम्पत्तियों से अतिक्रमण हटवाने, बोर्ड के विरुद्ध किसी भी वाद में पैरवी के लिए वक्फ बोर्ड अध्यक्ष या मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्राधिकृत करने तथा बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट सम्बन्धी प्रावधान भी किये गए हैं।

न्यूज ठिकाना की ओर से सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार से यही सवाल है कि यह राज्य मंत्रिमंडल को राजस्थान वक्फ नियम-2023 का अनुमोदन करने की इतनी जल्दबाजी क्या है और क्यों वह इतनी तत्परता दिखाना चाहती है। आखिर क्यों वह एक विशिष्ट समुदाय को इतना खुश करने में लगी है कि वह दूसरे समुदाय के विरुद्ध अपने अधिकारों को हथियार की तरह इस्तेमाल करने लग जाए।

आखिर समाचार लिखने की करिश्माई यह देखिये कि शुरुआत में लिखा गया  है...  राजस्थान वक्फ नियम-2023 में वक्फ सम्पत्तियों के मुतवल्ली, प्रबंध कमेटी और प्रबंध योजना के साथ ही मुतवल्ली की शैक्षणिक योग्यता का उल्लेख किया गया है। साथ ही, वक्फ सर्वे आयुक्त की नियुक्ति, सर्वे आयुक्त को जांच की शक्तियां एवं वक्फ सम्पदाओं की सूची के प्रकाशन से सम्बन्धित प्रावधान किए गए हैं।

इस पैराग्राफ के शुरुआती शब्द तो सरकार को विशिष्ट वर्ग के हिमायती साबित करते हैं लेकिन आगे शब्दों में सर्वे आयुक्त की नियुक्ति, सर्वे आयुक्त की शक्तियों के साथ ही संदेह की शुरुआत हो जाती है कि कुछ तो सरकार के इस समाचार में झोल है। जो कहना चाहते हैं वो तीसरे और चौथे पैराग्राफ में क्यों गया है। क्या इस खबर को चुपके-चुपके सार्वजनिक कर सरकार अध्यादेश के जरिये अपनी इच्छा के वर्ग विशेष को वोटों के लिए प्रसन्न करना चाहती है।

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author

राकेश रंजन

By News Thikhana

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