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आ गई ऐसी आई ड्रॉप, जो चश्मे को करवाएगी ड्राॅप!

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आ गई ऐसी आई ड्रॉप, जो चश्मे को करवाएगी ड्राॅप!

स्वास्थ्य //Delhi/New Delhi :

भारत की दवा नियामक संस्था ने प्रेसबायोपिया के इलाज के लिए नई उपचार पद्धति को मंजूरी दी है। मुंबई की एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने प्रेसवू आई ड्रॉप बनाई है। यह आई ड्रॉप 40 से ज्यादा उम्र के लोगों को चश्मे की आवश्यकता को कम करने में मदद करेगी। आई ड्रॉप अक्टूबर के पहले सप्ताह से उपलब्ध होगी।

मुंबई की दवा कंपनी ने एक नई आई ड्रॉप बनाई है। इससे चश्मे की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। एंटोड फार्मास्यूटिकल्स का कहना है कि उनकी प्रेसयू आई ड्रॉप प्रेसबायोपिया का इलाज कर सकती है। प्रेसबायोपिया उम्र के साथ होने वाली आंखों की समस्या है। इसमें पास की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं। यह समस्या आमतौर पर 40 साल की उम्र के बाद शुरू होती है। भारत में लगभग 1।09 अरब से 1।80 अरब लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। दुनियाभर में भी यह एक आम समस्या है।
प्रेसयू आई ड्रॉप को भारत के औषधि महानियंत्रक ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विशेषज्ञ समिति ने इसकी सिफारिश की थी। कंपनी का दावा है कि यह भारत में अपनी तरह की पहली आई ड्रॉप है जो प्रेसबायोपिया के इलाज के लिए बनाई गई है। यह 40 साल से ज्यादा उम्र के उन लोगों के लिए है जो चश्मा लगाना नहीं चाहते हैं।
खास तरह के फॉर्मूले का कयिा गया है इस्तेमाल
प्रेस यू आई ड्रॉप में खास तरह के फॉर्मूला का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी का कहना है कि इसके इस्तेमाल से न सिर्फ चश्मे से छुटकारा मिलेगा बल्कि आंखों में नमी भी बनी रहेगी। इससे आंखों को आराम मिलेगा। डॉक्टर धनंजय बाखले का कहना है कि प्रेस यू आई ड्रॉप आंखों के इलाज के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है। उनका कहना है कि यह आई ड्रॉप प्रेसबायोपिया से पीड़ित लाखों लोगों के लिए फायदेमंद होगी। यह बिना किसी सर्जरी के आंखों की रोशनी बेहतर बनाती है।
यह है आई ड्रॉप की सबसे खास बात
प्रेस यू आई ड्रॉप की सबसे खास बात यह है कि इसमें एडवांस्ड डायनामिक बफर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इससे यह आई ड्रॉप आंखों के पीएच लेवल के हिसाब से खुद को ढाल लेती है। लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर भी यह सुरक्षित रहती है। एंटोड फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ निखिल के मसुरकर का कहना है कि च्तमेटन केवल एक प्रोडक्ट नहीं है, यह एक समाधान है जो लाखों लोगों को बेहतर दृष्टि प्रदान करके उनके जीवन को बेहतर बना सकती है।
डॉक्टर आदित्य सेठी का कहना है कि प्रेस यू आई ड्रॉप के इस्तेमाल से सिर्फ 15 मिनट में पास की नजर बेहतर होने लगती है। यह उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो प्रेसबायोपिया की समस्या से जूझ रहे हैं। यह आई ड्रॉप अक्टूबर के पहले हफ्ते से बाजार में उपलब्ध होगी। 40 से 55 साल की उम्र के लोग जिनको प्रेसबायोपिया की शिकायत है, वे डॉक्टर की सलाह पर इस आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी कीमत 350 रुपये रखी गई है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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