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‘मौत का कुआं’ हैं हमास की खुफिया सुरंगें... इजरायल के लिए आसान नहीं होगा जमीनी हमला

सेना

‘मौत का कुआं’ हैं हमास की खुफिया सुरंगें... इजरायल के लिए आसान नहीं होगा जमीनी हमला

सेना///Tel Aviv :

इन सुरंगों का इस्तेमाल हमास अपने लड़ाकों, हथियारों और यहां तक कि अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के लिए करता है। ये सुरंगें कहां से निकलती हैं और कहां खत्म होती हैं, उनका पता लगाना बेहद मुश्किल है। कई बार हमास आतंकी किसी घर से सुरंग खोदतें हैं, जो सीमा पार किसी दूसरे घर में खुलती है। ऐसे में ऊपर से भी उनकी निगरानी नहीं की जा सकती है।

इन सुरंगों का इस्तेमाल हमास अपने लड़ाकों, हथियारों और यहां तक कि अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के लिए करता है। ये सुरंगें कहां से निकलती हैं और कहां खत्म होती हैं, उनका पता लगाना बेहद मुश्किल है। कई बार हमास आतंकी किसी घर से सुरंग खोदतें हैं, जो सीमा पार किसी दूसरे घर में खुलती है। ऐसे में ऊपर से भी उनकी निगरानी नहीं की जा सकती है।
इजरायल गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी संगठन हमास के खिलाफ चैतरफा जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है। जमीनी हमले के लिए इजरायल के सामने हमास से भी ज्यादा खतरनाक उसकी बनाई खुफिया सुरंगें हैं। कई विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जमीनी हमले में इजरायल अपनी मारक क्षमता खो देगा, क्योंकि उसे अपने इलाके में दुश्मन से लड़ना होगा। गाजा जैसे घनी आबादी में सीक्रेट टनल का नेटवर्क इजरायल के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। हमास की ये सुरंगे बेहद खतरनाक हैं, ऐसे में इजरायल के लिए गाजा में जमीनी हमला करना आसान नहीं है।
घर-घर में घुसकर चैकिंग 
इजरायली सेना का मकसद गाजा में घर-घर की तलाशी लेना और वहां छिपे हमास के लड़ाकों को खत्म करना है। इसके लिए इजरायली वायुसेना ने पहले ही एयर स्ट्राइक कर गाजा की कमर तोड़ दी है। वहीं, खाना-पानी, बिजली, फ्यूल और गैस की सप्लाई रोककर इजरायल गाजा को तरसा और तड़पा रहा है। हालांकि, इसके बाद भी इजरायली सेना के लिए गाजा में घुसकर जमीनी मिशन को अंजाम देना आसान नहीं बताया जा रहा है। दरअसल, गाजा पट्टी के सुरंगों की तुलना वियतनाम के सुरंगों से की जा रही है, जिस पर अमेरिका ने जबरदस्त आक्रमण किया था। हालांकि, 20 साल के युद्ध के बाद भी अमेरिका वियतनाम को नहीं जीत पाई क्योंकि अमेरिकी सेना इन सुरंगों को पार नहीं कर पाए थे। हमास ने गाजा में ऐसे ही सुरंगों का जाल बिछाया है।
हमास की सुरंगें: ‘गाजा मेट्रो’
2021 में इजरायल डिफेंस फोर्स ने दावा किया था कि हमास के 100 किमी से ज्यादा दूरी के सुरंग नेटवर्क को नष्ट कर दिया गया था। हमास नेता याह्या सिनवार ने तब दावा किया था कि गाजा में सुरंग नेटवर्क 500 किमी लंबा है और केवल 5 प्रतिशत ही डैमेज हुआ है। इसे आप दिल्ली के उदाहरण से समझ सकते हैं। पूरी दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क लगभग 392 किमी लंबा है। दिल्ली का आकार गाजा से चार गुना बड़ा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गाजा में हमास ने सुरंगों का कितना विस्तार किया है।
हमास के सदस्य रिहायशी इमारतों के नीचे बने सुरंगों में 
रिहायशी इमारतों को निशाना बनाने पर वैश्विक आलोचना का जवाब देते हुए इजरायल ने बार-बार तर्क दिया है कि हमास के सदस्य रिहायशी इमारतों के नीचे बने सुरंगों में छिपे हुए हैं। 2007 में गाजा पट्टी पर कब्जा करने के बाद से हमास ने शहर के भीतर और गाजा-इजरायल सीमा के पार सुरंग नेटवर्क का विस्तार करने का काम किया है।
ऊपर से निगरानी नहीं की जा सकती
इन सुरंगों का इस्तेमाल हमास अपने लड़ाकों, हथियारों और यहां तक कि अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के लिए करता है। ये सुरंगें कहां से निकलती हैं और कहां खत्म होती हैं, उनका पता लगाना बेहद मुश्किल है। कई बार हमास आतंकी किसी घर से सुरंग खोदतें हैं, जो सीमा पार किसी दूसरे घर में खुलती है। ऐसे में ऊपर से भी उनकी निगरानी नहीं की जा सकती है।
सुरंगों के अंदर रोशनी का इंतजाम 
इसी वजह से इजरायली सेना इन सुरंगों को श्गाजा मेट्रोश् भी कहती है। इन सुरंगों के अंदर रोशनी का इंतजाम होता है। हथियारों और गोला-बारूद को छिपाने के लिए पर्याप्त जगह भी रहते हैं। बीते दिनों ऐसी सुरंगों का वीडियो सामने आया था। सुरंगों की दीवारें सीमेंट से बनी हैं।
7 अक्टूबर के हमलों में सुरंगों की भूमिका
7 अक्टूबर को हमास के चैंकाने वाले हमले में रॉकेट हमलों के साथ-साथ इन सुरंगों से भी हमले किए गए थे। यहां दुश्मन की गतिविधियों का पता लगाने के लिए सेंसर लगाए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि सुरंगों ने हमास के गुर्गों को बिना पता चले इसरायल में घुसने में अहम भूमिका निभाई। इनमें से कुछ सुरंगें गाजा की सीमा से सीधे इजरायली समुदायों तक जाती हैं। इससे हमास के लड़ाकों को घुसपैठ करने, अपहरण करने और इजरायली नागरिकों पर हमला करने में मदद मिलती है। 
30 फुट ऊंची है इजरायल की फेंसिंग
अब यहां एक बड़ा सवाल है। गाजा के साथ इजरायल की बाड़ 30 फुट ऊंची है, जिसमें अंडरग्राउंड कंक्रीट बैरियर हैं। पिर हमास के गुर्गे बिना पहचाने इजराइल में कैसे घुस गए? 
दो तरह की सुरंगें हैं गाजा में
दरअसल गाजा शहर के भीतर सीमा पार की सुरंगें अविकसित हैं। जिसका मतलब है कि उनमें बमुश्किल कोई किलेबंदी होती होगी। उन्हें एक ही मकसद के लिए खोदा जाता है। ये मकसद है इजरायली क्षेत्र पर हमला करना। गाजा के अंदर की सुरंगें लंबी और ज्यादा व्यवस्थित हैं। हमास के सदस्य वहां छिपे हुए हैं। उनके पास कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर हैं, वे उनका इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन लाइनों के लिए करते हैं।
दान में मिले धन से बनाई सुरंगें
इनमें से ज्यादातर सुरंगें 1 मीटर चैड़ी और शायद 2.5 मीटर ऊंची हैं। इससे कोई व्यक्ति काफी मुश्किल से पार जा सकता है। कई मामलों में, ये सुरंगें गहराई तक उतरती हैं और सतह से 30 मीटर नीचे तक पहुंचती हैं। वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने 2007 के बाद से 1.25 बिलियन डॉलर की लागत से 1,300 से अधिक सुरंगों का निर्माण किया है। यह पैसा उसे गाजा में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अलग-अलग देशों से दान के तौर पर मिला हुआ है।

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author

Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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