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गोगामेड़ी मर्डर का मास्टर माइंड वीरेंद्र चारण: 16 साल पहले घर से हुआ बेदखल, पिता बोले- नहीं देखनी उसकी शक्ल

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गोगामेड़ी मर्डर का मास्टर माइंड वीरेंद्र चारण: 16 साल पहले घर से हुआ बेदखल, पिता बोले- नहीं देखनी उसकी शक्ल

क्राइम //Rajasthan/Jaipur :

गोगामेड़ी हत्याकांड के मास्टर माइंड कहे जा रहे वीरेंद्र के पिता का कहना है कि 2007 के बाद से उसे घर से निकाल दिया। इसके बाद हमने उससे कोई संपर्क करने की कोशिश भी नहीं की।

‘भले आदमी के घर बुरा और बुरे आदमी के घर अच्छा पैदा होता है। यह बिल्कुल सही बात है। मेरे घर तो दुष्ट पैदा हुआ। हमे भी घमंड था परिवार में बेटा हुआ है, लेकिन आज भगवान ने हमें वो दिन दिखा दिया है...’ आंखों में दुख, अफसोस और गुस्सा लिए यह शब्द उस पिता के हैं, जिनके बेटे का नाम सुखदेव सिंह गोगामेड़ी मर्डर केस में आया है। 
वीरेंद्र चारण को इस हत्याकांड का मास्टर माइंड कहा जा रहा है। वीरेंद्र को श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष की हत्या के मामले में एक अहम किरदार माना जा रहा है। जांच में सामने आया है कि वीरेंद्र ने शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को गोगामेड़ी की तस्वीर भेजी थी और उनकी हत्या करने को कहा था। वीरेंद्र अभी कहां है, इसकी जानकारी फिलहाल पुलिस के पास नहीं है। कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि वीरेंद्र दुबई फरार हो गया है।
बताया जा रहा है कि वीरेंद्र अपराध की दुनिया में नाम बनाना चाहता था। वो चूरू जिले के एक गांव का रहने वाला है। गोगामेड़ी हत्याकांड के बाद पुलिस अब वीरेंद्र के परिवार पर नजर रख रही है। हालांकि परिवार ने उससे कई साल पहले ही रिश्ता तोड़ दिया था।
वीरेंद्र के पिता बोले- उसने गलत किया
गोगामेड़ी हत्याकांड के मास्टर माइंड कहे जा रहे वीरेंद्र के पिता कहा कि उसने गलत किया। यह बहुत बुरी बात है, हमारे लिए भी, हमारे समाज के लिए भी। एक समाज के आदमी की बड़ी ही निर्दयता से हत्या की गई है। उसने जघन्य अपराध किया है। मैंने 2007 के बाद से उसे घर से निकाल दिया। इसके बाद हमने उससे कोई संपर्क करने की कोशिश भी नहीं की। उसके दादा-दादी भी जब गुजर गए, तब भी हमने उसने नहीं बुलाया, न ही कोई संपर्क किया। समाज के लोगों ने हमें खूब कहा, लेकिन हमने बेटे को घर नहीं बुलाया।
2005 से ही छोटे अपराध करने लगा
आरोपी वीरेंद्र के पिता ने कहा, ‘2005 से ही वीरेंद्र छोटे अपराध करने लगा था। कभी चोरी तो कभी लड़कियों को छेड़ता था। हम इज्जतदार लोग हैं। ऐसी हरकतें हमें बिल्कुल पसंद नहीं, चाहे कुछ भी हो जाए। मैंने उसे काफी समझाने की कोशिश भी की। उसके दादा ने भी काफी मनाने की कोशिश की, लेकिन उसे कभी कोई फर्क नहीं पड़ा। उसे किसी की परवाह नहीं थी। एक बार उसे एक लड़की से छेड़खानी की थी। फिर मैंने जमकर पीटा था। उसके बाद से उसकी घर में घुसने की हिम्मत भी नहीं हुई। उसे मैंने घर से बेदखल कर दिया। हम उसकी शक्ल नहीं देखना चाहते।’

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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