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गुजरात में बाढ़: घरों-होटलों में घुसा पानी, दूध-पीने के पानी का संकट 

आपदा

गुजरात में बाढ़: घरों-होटलों में घुसा पानी, दूध-पीने के पानी का संकट 

आपदा//Gujarat/Vadodara :

गुजरात में भारी बारिश के बीच वडोदरा में हालात बिगड़ गए हैं। विश्वामित्री नदी में ।ाजवा डैम से पानी छोड़े जाने से शहर के दर्जनभर से अधिक इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। रिहाइशी इलाकों में नदी का पानी घुसने से लोगों के सामने खाने-पीने की चीजों का संकट खड़ा हो गया है।

गुजरात में भीषण बारिश ।ौर डैम से पानी छोड़े जाने से हालात बेकाबू हो गए है। वडोदरा में विश्वमित्री नदी के उफनाने से शहर के दर्जन भर से अधिक इलाकों में चार से लेकर आठ फुट तक पानी भर गया। इसके चलते लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। वडोदरा के बीचोबीच स्थित महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं प्राइवेट रूम में फंस गए हैं, तो वहीं रेलवे स्टेशन के पास के होटलों और दूसरे सोसाइटियों में खाने का संकट खड़ा हो गया है। वडोदरा के बीच से निकले वाली विश्वामित्री नदी के खतरे का निशान 25 फीट है, लेकिन नदी वडोदरा और आसपास के जिलों में भारी बारिश के बाद खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
वडोदरा में क्यों बिगड़े हालात?
वडोदरा में विश्वामित्री नदी मंगलवार शाम तक अपने अधिकतम स्तर 35.25 फीट को छू गई। नदी का खतरे का निशान 25 फीट पर है। वडोदरा कलेक्टर बिजल शाह ने दिन में पहले एजेंसी एहतियाती उपाय के तौर पर स्थानीय प्रशासन ने निचले इलाकों से 3,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मंगलवार देर रात नदी का जलस्तर बढ़ता रहा ।ौर कई इलाकों में यह 40 फीट के निशान को पार कर गया। इसके बाद वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) ने जलभराव को कम करने के लिए अजवा और प्रतापपुरा जलाशयों के द्वार बंद करने का फैसला किया। वीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष डॉ. शीतल मिस्त्री ने कहा कि ऊपरी इलाकों में बारिश कम हुई। लोगों तक आवश्यक सेवाएं पहुंचाना और बचाव अभियान चलाना जरूरी है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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