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समुद्र में उतरा ड्रैगन का सबसे बड़ा युद्धपोत, अमेरिका से टक्कर की तैयारी

सेना

समुद्र में उतरा ड्रैगन का सबसे बड़ा युद्धपोत, अमेरिका से टक्कर की तैयारी

सेना/नौसेना/Delhi/New Delhi :

घरेलू स्तर पर डिजाइन किया गया फुजियन अपने सशस्त्र बलों को मजबूत करने के चीन के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण छलांग को दिखाता है। यह 21वीं सदी के मध्य तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को विश्व स्तरीय सेना में बदलने के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दृष्टिकोण की तरफ भी एक कदम है।

चीन के पहले सुपर कैरियर फुजियन ने समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है। इस संबंध में कई रिपोर्ट दावा करती हैं कि चीन का तीसरा विमानवाहक पोत फुजियन पहली बार परीक्षण के लिए समुद्र में उतरा है। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापोल्ट्स से लैस चीन का पहला सुपरकैरियर माना जाने वाला यह युद्धपोत चांगक्सिंग द्वीप पर जियांगनान में अपनी बर्थ से रवाना हुआ था। इस चीनी युद्धपोत को अमेरिकी नौसेना के गेराल्ड आरफोर्ड के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। फुजियन का अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए उतरना विमान वाहक के विकास में चीन का एक महत्वपूर्ण कदम है।
समुद्री परीक्षण से पहले आतिशबाजी 
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कई टगबोटों की सहायता से जहाज को अपनी बर्थ से बाहर निकल गया। ट्विटर पर शेयर कुछ तस्वीरों में कहा गया है कि समुद्री परीक्षण से पहले आतिशबाजी भी की गई। हालांकि समुद्री परीक्षण शुरू हुआ है या नहीं, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कुछ तस्वीरों में फुजियन को उसके मूल बर्थ के पास यांग्त्जी नदी डेल्टा में तैनात दिखाया गया है। पहले इस युद्धपोत के 23 अप्रैल को चीनी नौसेना की सालगिरह पर यात्रा शुरू करने की उम्मीद थी लेकिन इसे अब निकाला गया है।
फुजियन सबसे बड़ा युद्धपोत
फुजियन 80,000 टन से अधिक के पूर्ण विस्थापन के साथ चीन का सबसे बड़ा युद्धपोत है। जून 2022 में लॉन्च किया गया यह देश का तीसरा विमान वाहक है। ये निरोधक उपकरणों से लैस घरेलू स्तर पर विकसित पहला चीनी वाहक है। इसमें कैटापल्ट लॉन्च सिस्टम का उपयोग चीन की नौसैनिक क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण छलांग का प्रतीक है। स्की जंप की तुलना में ये अधिक प्रभावी ये तरीके से काम करती हैं, जिससे भारी पेलोड और बढ़ी हुई ईंधन क्षमता के साथ बड़े फिक्स्ड-विंग विमानों को लॉन्च करने में मदद मिलती है।
अमेरिका से होड़ में आगे बढ़ा चीन
विशेषज्ञों का तर्क है कि फुजियन का परीक्षण अमेरिका के साथ सैन्य अंतर को कम करने की चीन की क्षमता में महत्वपूर्ण कदम होगा। ये इसलिए भी अहम है क्योंकि ताइवान के मुद्दे पर चीन और अमेरिका में तनातनी है। चीन का फुजियन पारंपरिक रूप से संचालित है। इसमें अमेरिकी नौसेना के सेवा में सबसे परिष्कृत वाहक यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड के बराबर एक विद्युत चुम्बकीय प्रक्षेपण प्रणाली है। फुजियन के लिए समुद्री परीक्षणों की शुरुआत विकास पथ में नवीनतम मील का पत्थर होगी। फुजियन की तैनाती चीन की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपने प्रभाव का दावा करने के रणनीतिक उद्देश्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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