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कोर्ट रूम ड्रामा कर साइबर अपराधियों ने अधिकारी को ठगा

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कोर्ट रूम ड्रामा कर साइबर अपराधियों ने अधिकारी को ठगा

लेख//Rajasthan/Kota :

ऊपर दी गई हुई लाइन या शीर्षक पंक्ति को पढ़कर क्या आप भी आश्चर्यचकित रह गए यह कोई पिक्चर या सीरियल नहीं अपितु बेंगलुरु में घटित साइबर क्राइम की घटना है जिसमें शातिर साइबर अपराधियों ने नकली कोर्ट रूम एवं नकली सीबीआई को इस को इस्तेमाल करते हुए वरिष्ठ अधिकारी को ठगा।

सोचने वाली बात यह है कि जब पढ़े लिखे वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षित नहीं है तब आम जनता इन छात्र अपराधियों से कैसे बचे।

घटना को कैसे शातिर तरीके से से अंजाम दिया गया

साइबर अपराधियों ने फर्जी ऑनलाइन सुनवाई के लिए कोर्ट रूम बनाया, बेंगलुरु में अधिकारी से 59 लाख रुपये ठगे।

बेंगलुरु: 'कोर्टरूम ड्रामा' वह है जिससे आप रील लाइफ़ परिदृश्य में परिचित होंगे, क्योंकि सिल्वर स्क्रीन या 'इडियट बॉक्स' पर वास्तविकता के ऐसे नाटकीय संस्करण बहुतायत में हैं। लेकिन अगर कभी कोई 'कोर्टरूम ड्रामा' होता जो वास्तविकता के लगभग पूर्ण प्रतिनिधित्व से किसी को हैरान कर देता, तो शायद यह सबसे बढ़िया होता!

एक दुर्लभ साइबर धोखाधड़ी मामले में, बदमाशों ने 59 वर्षीय बेंगलुरु स्थित एक कार्यकारी पर मनी लॉन्ड्रिंग का 'आरोप' लगाया, एक 'अदालत' का नाटक किया, एक फर्जी ऑनलाइन सुनवाई की, उसे 'जमानत' देने से इनकार कर दिया, एक प्रतिकूल फैसला सुनाया।

27 घंटे की वीडियो कॉल के माध्यम से निगरानी में

➤ सी.वी. रमन नगर निवासी के.जे. राव को 12 सितंबर को सुबह 11 बजे एक ऑटोमेटेड कॉल आती है। जब वे 9 डायल करते हैं, तो कॉल एक नकली पुलिस अधिकारी को ट्रांसफर हो जाती है।

➤ जालसाजों ने खुद को सी.बी.आई. अधिकारी बताते हुए राव को बताया कि वे डिजिटल रूप से गिरफ्तार हैं। उन्हें ऑफिस से बाहर निकलने और घर से बाहर न निकलने के लिए कहा गया।

➤ उसे अपने पास रखने के लिए स्काइप कॉल करें I निगरानी में; बाद में

पीड़ित को फर्जी कोर्ट दिखाया गया

'ऑर्डर' के नाम पर ठगी की गई और आखिरकार 59 लाख रुपए ठग लिए गए। पुलिस ने पीड़ित की मदद की और उसका अकाउंट ब्लॉक करवाया और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करवाई। जांच करने पर पता चला कि बदमाशों ने पीड़ित से ठगी गई रकम को विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर दिया था।

यह भी जाने

  • किसी भी अनजान सोर्स से आए हुए किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें।
  • पर्सनल डेटा और किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन प्लेटफॉर्म पर मजबूत पासवर्ड लगाकर रखें।
  • कोई भी थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड ना करें, किसी भी अन-ऑफिशियल प्लेटफॉर्म से कुछ इंस्टाॉल ना करें।

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श्रीमती विजया तिवारी

By News Thikhana

श्रीमती विजया तिवारी, एक पेशेवर सायबर फॉरेंसिक साइंस की विशेषज्ञ और सलाहकार हैं। वे वर्तमान में 'तथ्य फॉरेंसिक विंग फेडरेशन' की कार्यकारी निदेशक हैं, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के जिलों में फॉरेंसिंक डॉक्यूमेंट की रिसर्च के साथ फॉरेंसिक मामलों को सुलझाने में मदद कर रही है। साथ ही देश की प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं को ट्रेनिंग देने का काम भी कर रही है।

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