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भारतीय क्रिकेट शिखर धवन को मिला तलाक ,पत्नी द्वारा मिली मानसिक क्रूरता बना तलाक का आधार 

भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन को उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी से तलाक मिला

अदालत

भारतीय क्रिकेट शिखर धवन को मिला तलाक ,पत्नी द्वारा मिली मानसिक क्रूरता बना तलाक का आधार 

अदालत//Delhi/New Delhi :

लगभग 3 साल बाद आखिरकार भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन को तलाक को मंजूरी मिल गयी । दिल्ली फॅमिली कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता (शिखर धवन) जिसने अपनी आयशा मुखर्जी से क्रूरता और मानसिक यातना झेली थी, वह उससे तलाक का हकदार है।कोर्ट ने उनकी 11 साल पुरानी शादी को खत्म करते हुए कहा, "इसमें कोई विवाद नहीं है कि दोनों पक्ष आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए सहमत हुए थे और उनकी शादी बहुत पहले ही खत्म हो चुकी है और वे अगस्त 8, 2020 से पति-पत्नी के रूप में नहीं रह रहे हैं"

आयशा मुखर्जी ने तलाक की याचिका में धवन द्वारा अपनी पत्नी के खिलाफ लगाए गए आरोपों का विरोध नहीं किया या फिर वे खुद का बचाव करने में विफल रहीं। जज हरीश कुमार ने माना कि आयशा ने शिखर धवन को उनके बेटे से एक साल तक दूर रखकर उन्हें मानसिक यातना झेलने को मजबूर किया। बता दें कि अगस्त 2020 से दोनों अलग हो गए हैं। फैमिली कोर्ट के जज हरीश कुमार ने बताया कि आयशा कई सालों से ऑस्ट्रेलिया में रह रही थी और उसने अपने इकलौते बेटे को दूर रखा और धवन को मानसिक यातना दी और क्रिकेटर मानसिक पीड़ा में था। कोर्ट ने इसके लिए आयशा को दोषी ठहराया। 

साल 2012 में हुई थी शादी 

धवन और आयशा की शादी 2012 में हुई थी। आयशा मेलबर्न में किक बॉक्सर थीं। आयशा, जो धवन से 12 साल बड़ी हैं, उनकी पहली शादी से दो बेटियाँ हैं। 10 साल के बेटे का नाम जोरावर धवन है। ज़ोरावर और आयशा ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं।

शिखर धवन ने लगाए थे ये सारे आरोप 

धवन ने याचिका में कहा कि उन्होंने आयशा को सूचित किया था कि वह ऑस्ट्रेलिया में नहीं बस पाएगी क्योंकि उसे अपना करियर आगे बढ़ाना है और उसकी पत्नी उसके साथ भारत आने के लिए तैयार हो गई थी, लेकिन बाद में पीछे हट गई क्योंकि ऐसा करने पर उसे दोनों लड़कियों की कस्टडी अपने पूर्व पति पर छोड़नी पड़ती। इसके साथ ही धवन ने यह भी आरोप लगाया कि आयशा ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में खरीदी गई तीन संपत्तियों का अधिकार देने के लिए मजबूर किया।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यह कहते हुए अपने नाबालिग बेटे की स्थायी हिरासत देने की भी प्रार्थना की है कि नाबालिग बेटे के लिए प्रतिवादी (आयशा) के साथ रहना नैतिक, मनोवैज्ञानिक और मानसिक रूप से विनाशकारी है, जिसने जन्म से ही लगातार उसके कल्याण के लिए हानिकारक कार्य किया है। इसके अतिरिक्त, यह भी प्रस्तुत किया गया है कि चूंकि प्रतिवादी के खिलाफ एक आपराधिक मामला लंबित है, इसलिए उक्त तथ्य याचिकाकर्ता के पक्ष में एक महत्वपूर्ण कारक है। 

शिखर धवन ने याचिका के माध्यम से कहा कि उन्हें शादी के बाद पता चला कि प्रतिवादी द्वारा याचिकाकर्ता को उससे शादी करने के लिए प्रेरित करने का प्राथमिक कारण केवल उससे करोड़ों रुपये ऐंठना था। शादी के कुछ समय बाद, प्रतिवादी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ मानहानिकारक और झूठी सामग्री तैयार करने और उसे प्रसारित करने की धमकी दी ताकि याचिकाकर्ता की प्रतिष्ठा और क्रिकेट करियर को नष्ट कर दिया जाए, अगर उसने पैसे की उसकी मांग पूरी नहीं की। 

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author

सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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