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बच्चे सीखें आत्मसम्मान व देशभक्ति का पाठ ! NCERT  ने कोर्स में महाकाव्यों को शामिल करने की सिफारिश की

बच्चे सीखें आत्मसम्मान व देशभक्ति का पाठ : NCERT

एजुकेशन, जॉब्स और करियर

बच्चे सीखें आत्मसम्मान व देशभक्ति का पाठ ! NCERT ने कोर्स में महाकाव्यों को शामिल करने की सिफारिश की

एजुकेशन, जॉब्स और करियर/सरकारी/Delhi/New Delhi :

NCERT ने सामाजिक विज्ञान के स्कूली पाठ्यक्रम में सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। समिति द्वारा महाकाव्यों के पाठों  को शामिल करने के अलावा, स्कूल की दीवारों पर संविधान की प्रस्तावना लिखने की भी सिफारिश की गयी ।

स्कूली पाठ्यपुस्तकों में रामायण-महाभारत

पुरानी पीढ़ी जहां महाभारत और रामायण से पूरी तरह वाकिफ है, वहीं यह बात सामने आई है कि नई पीढ़ी भी इस भारतीय संस्कृति की कहानी का ज्ञान लेने के लिए तैयार है। आने वाले दिनों में स्कूलों में महाभारत और रामायण के पाठ भी देखने को मिल सकते हैं। इस संबंध में एनसीईआरटी यानी नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग के पैनल ने इन दोनों कहानियों को स्कूली किताबों में शामिल करने की सिफारिश की है।

NCERT ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया

एनसीईआरटी ने स्कूली छात्रों को महाभारत-रामायण पढ़ाने के लिए सामाजिक विज्ञान के स्कूली पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। इसके अलावा पैनल ने स्कूल की दीवारों पर संविधान की प्रस्तावना लिखने की भी सिफारिश की है। समिति के अध्यक्ष सीआई इसाक ने आज यह जानकारी दी।

कक्षा 7 से 12 में रामायण और महाभारत पढ़ाए जाने की जरूरत

 समिति के अध्यक्ष सीआई इसाक ने जोर देकर कहा कि कक्षा 7 से 12 के छात्रों को रामायण और महाभारत पढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समिति ने सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को पढ़ाने पर जोर दिया है। हमारा मानना है कि किशोरावस्था के दौरान, छात्र आत्म-सम्मान, देशभक्ति और अपने राष्ट्र के प्रति गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुछ शिक्षा बोर्ड छात्रों को रामायण पढ़ाते हैं, हालांकि वे इसे डंडा कथा के रूप में पढ़ाते हैं। यदि इन महाकाव्यों को छात्रों को नहीं पढ़ाया जाता है तो शिक्षा प्रणाली का कोई भी उद्देश्य काम नहीं करेगा और वे राष्ट्र की सेवा करना नहीं सीख पाएंगे।

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सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

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