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लड़की और पैसों के चक्कर में मुल्क से गद्दारी

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लड़की और पैसों के चक्कर में मुल्क से गद्दारी

क्राइम //Delhi/New Delhi :

निलेश बालिया बीएसएफ में एक कर्मचारी है, जबकि प्रदीप कुरुलकर डीआरडीओ लैब में निदेशक था।निलेश बालिया बीएसएफ में एक कर्मचारी है, जबकि प्रदीप कुरुलकर डीआरडीओ लैब में निदेशक था।

डीआरडीओ में वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर और ‘जारा दासगुप्ता’ व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क में रहने के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत किया करते थे। वहीं, पाकिस्तान महिला एजेंट ने भी व्हाट्सएप के जरिये ही बीएसएफ कर्मचारी से संपर्क किया था। महिला ने उसे हनीट्रैप कर पैसों के एवज में संवेदनशील सूचना साझा करने के लिए मनाया।

सोशल मीडिया के जरिए एक मेसेज भेजकर पहले तो पाकिस्तान के एजेंट भारतीय वैज्ञानिकों और रक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों या सुरक्षाकर्मियों से संपर्क साधने की कोशिश करते हैं। और जब उन्हें इसमें कामयाबी मिल जाती है, तो वे हनी ट्रैप या फिर पैसों का लालच देकर इन लोगों से खुफिया जानकारी हासिल कर लेते हैं। ऐसे ही दो मामले अभी देश में सामने आए हैं, जहां रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक वैज्ञानिक और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कर्मचारी ने दुश्मन देश को भारत के बारे में बेहद अहम जानकारी साझा की।
डीआरडीओ वैज्ञानिक भूला अपना फर्ज
पहला मामला, महाराष्ट्र के पुणे में स्थित डीआरडीओ की प्रयोगशाला में निदेशक के तौर पर काम करने वाले प्रदीप कुरुलकर का है, जो ‘जारा दासगुप्ता’ नाम का इस्तेमाल करने वाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंट की ओर आकर्षित हो गया था और उसने खुफिया रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में उससे बातचीत की। वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को बीते तीन मई को शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में है।
ऐसे पकड़ में आया डीआरडीओ का वैज्ञानिक
कुरुलकर और ‘जारा दासगुप्ता’ व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क में रहने के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत किया करते थे। एटीएस ने आरोप पत्र में कहा, ‘दासगुप्ता’ ने दावा किया था कि वह ब्रिटेन में रहती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसने कुरुलकर को अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की। जांच के दौरान उसका ‘आईपी एड्रेस’ पाकिस्तान का पाया गया।
ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल की जानकारी हासिल करने की कोशिश
पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम समेत अन्य के बारे में खुफिया और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की। चार्जशीट में कहा गया है, ‘कुरुलकर उसके प्रति आकर्षित हो गया था और उसने डीआरडीओ की खुफिया और संवेदनशील जानकारी को अपने निजी फोन में लिया और फिर कथित तौर पर जारा के साथ साझा किया।’
कुरुलकर ने फरवरी 2023 में ब्लॉक किया एजेंट का नंबर
एटीएस के मुताबिक, दोनों जून, 2022 से दिसंबर, 2022 तक संपर्क में थे। कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा आंतरिक जांच शुरू करने से ठीक पहले, उसने फरवरी 2023 में जारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था। इसके बाद उसे एक अज्ञात भारतीय नंबर से व्हाट्सऐप पर संदेश मिला कि ‘आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक कर दिया।’ आरोप पत्र के मुताबिक, बातचीत के रिकॉर्ड से पता चला है कि कुरुलकर ने पाकिस्तानी एजेंट के साथ अपना निजी और आधिकारिक कार्यक्रम और स्थान साझा किए जबकि उसे पता था कि उसे ऐसा किसी के साथ नहीं करना है। 
महिला एजेंट ने बीएसएफ कर्मचारी को हनी ट्रैप में फंसाया
दूसरा मामला, गुजरात के भुज का है, जहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए काम करने वाले एक संविदा कर्मचारी को एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट महिला से कथित तौर पर संवेदनशील सूचना साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि निलेश बालिया नाम का आरोपी 12वीं कक्षा उत्तीर्ण है और वह बीएसएफ मुख्यालय स्थित केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के विद्युत विभाग में गत पांच साल से बतौर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी कार्यरत है।
पाकिस्तानी एजेंट को दी बीएसएफ की जानकारी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य आतंक रोधी दस्ता (एटीएस) ने 7 जुलाई को उसे गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक, एटीएसी, सुनिल जोशी ने बताया कि बालिया जनवरी 2023 में किसी समय पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में आया, और बीएसएफ की निर्माणाधीन एवं मौजूदा इमारतों में विद्युतीकरण कार्य के बारे में उसके साथ कई संवेदनशील दस्तावेज साझा किए। उन्होंने बताया कि आरोपी ने नागरिक विभागों से जुड़े दस्तावेज भी पाकिस्तानी एजेंट के साथ साझा किए।
व्हाट्सएप के जरिए संपर्क कर निलेश को फंसाया
जोशी ने बताया कि महिला ने व्हाट्सएप के जरिये आरोपी से संपर्क किया था। महिला ने उसे अपने ‘मोहपाश’ में फंसाया और पैसों के एवज में संवेदनशील सूचना साझा करने के लिए मनाया। एजेंट ने अपनी पहचान अदिति तिवारी बताई और एक निजी कंपनी में कार्यरत होने का दावा किया था। उसने बालिया से कहा था कि उसे अपनी नौकरी के लिए इन सूचनाओं की जरूरत है और इसके एवज में रुपए देगी।
गोपनीय जानकारी देने के बदले निलेश ने पैसे लिए
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ‘प्रेम संबंध’ के तहत आरोपी ने महिला से कहा कि वह एक कंप्यूटर ऑपरेटर है, उसके साथ संवेदनशील सूचना साझा की तथा इसके एवज में रुपये लिए। उसे (आरोपी को) यूपीआई लेनदेन के तहत कथित तौर पर कुल 28,800 रुपए अदा किए गए। अधिकारी ने कहा कि एटीएस उसके मोबाइल फोन और बैंक खातों की जांच करेगा तथा उसके संपर्क में जो कोई भी होगा उसे तफ्तीश के दायरे में लाया जाएगा।
निलेश बालिया पर थी एटीएस की नजर
आरोपी की गतिविधियों के बारे में गुप्त सूचना मिलने पर एटीएस उस पर नजर रखे हुए था और पूछताछ के लिए बुलाने से पहले उसके कॉल रिकार्ड और बैंक खातों को खंगाला। बालिया पर सरकारी गोपनीयता कानून के अलावा भारतीय दंड संहिता की संबद्ध धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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