साइंस///Beijing :
ये पावर प्लांट सामान्य परमाणु पावर प्लांट से काफी भिन्न है और ये एनर्जी प्रोडक्शन के लिए काफी असरदार है।
तकनीक के मामले में चीन ने दुनिया में अपना लोहा बनवाया है। चाहे वह आर्टिफिशियल सूर्य हो या फिर दुनिया का बड़ा तैरता सोलर प्लांट का। एक्सपर्ट का मानना है कि टेक के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ रहा है। अभी हाल में चीन गोबी रेगिस्तान में थोरियम से चलने वाले एक बड़े परमाणु पावर प्लांट को मंजूरी दे दी है। हालांकि, अभी ये छोटे स्तर पर काम करेगा और ये 10 साल तक काम करेगा। ये पावर प्लांट सामान्य परमाणु पावर प्लांट से काफी भिन्न है। और ये एनर्जी प्रोडक्शन के लिए काफी असरदार है। चीन के भविष्य के लिए कितना महत्वपूर्ण ये परमाणु प्लांट कितना महत्वपूर्ण है।
चीन के वैज्ञानिक हैं चर्चित
चीन का लगातार उसके तकनीक की वजह से दुनिया भर में चर्चा होता है। चीन ने हाल में आर्टिफिशियल सूर्य और चंद्रमा बनाकर इतिहास रच दिया था। हालांकि, चंद्रमा का निर्माण गुरुत्वाकर्षण के स्टडी के लिए किया गया था। अब चीन ने थोरियम से संचालित परमाणु संयंत्र को मंजूरी दे दी है। एक्सपर्ट्स ने इस परमाणु प्रौद्योगिकी की खोज को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है।
ज्यादा सुरक्षित होता है थोरियम
गोबी मरुस्थल में ये स्थित ये परमाणु संयंत्र थोरियम द्वारा संचालित होगा। चीन में परमाणु सुरक्षा निगरानी संस्था ने इसकी मंजूरी दी है। थोरियम से चलने वाले इस रिएक्टर अन्य रेडियोएक्टिव पदार्थों की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित होता है। चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे बिजली बनाने पर कम कचड़ा निकलता है। एनर्जी प्रोडक्शन के लिए ये ज्यादा असरदार है। इस प्लांट को कहीं पर भी आसानी से लगाया जा सकता है।
अभी 10 साल के लिए
चीन के इस परमाणु रिएक्टर का इस्तेमाल अभी 10 सालों के लिए किया जाएगा। फिलहाल इसे निर्धारित मात्रा में बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसका संचालन संचालन चाइनीज अकादमी ऑफ साइंस कर रहा है। थोरियम एक ऐसा रेडियोएक्टिव जिसके इस्तेमाल से बहुत कम मात्रा में कचड़ा निकलता है। चीन के इस परमाणु रिएक्टर में थोरियम के लिक्विड फ्यूल का इस्तेमाल होता है। चीनी वैज्ञानिक अब थोरियम की मदद से ज्यादा से ज्यादा और जल्द से जल्द बिजली बनाने की तकनीक में पूरी दुनिया को पीछे छोड़ना चाहते हैं।
सबसे बड़ा थोरियम भंडार
चीन के पास दुनिया का सबसे थोरियम का भंडार है। अगर ये थोरियम संचालित ये परमाणु संयंत्र अगर अपने रफ्तार पर काम करे तो 20000 साल तक साफ और सुरक्षित ऊर्जा यानी बिजली पैदा करने में आसानी होगी। चीन के इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2011 में हुई थी लेकिन इसका काम 2018 में शुरू हुआ। वैज्ञानिकों ने इसे 36 महीने में तैयार किया है।
Comments