आज है विक्रम संवत् 2081 के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रात 07:57 त बजे तक तदुपरांत षष्ठी तिथि यानी रविवार, 08 सितंबर, 2024 परमाणु मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण, चीन-पाक पलभर में खाक पैरालंपिक: प्रवीण कुमार ने भारत को दिलाया एक और गोल्ड राजस्थान: 108 आईएएस के बाद 386 आरएएस अधिकारियों का ट्रांसफर
प्रतिष्ठित गीता प्रेस गोरखपुर को मिलेगा साल 2021 का  गाँधी शांति पुरस्कार

गांधी शांति प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए प्रतिष्ठित गीता प्रेस गोरखपुर का चयन किया गया

साहित्य

प्रतिष्ठित गीता प्रेस गोरखपुर को मिलेगा साल 2021 का गाँधी शांति पुरस्कार

साहित्य//Delhi/ :

प्रसिद्ध प्रकाशक गीता प्रेस, गोरखपुर  को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने रविवार को सर्वसम्मति से वर्ष 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर का चयन किया। यह पुरस्कार अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक परिवर्तन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता हैं। संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को कहा, “संस्था राजस्व सृजन के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों में विज्ञापन पर निर्भर नहीं रही है। गीता प्रेस अपने संबद्ध संगठनों के साथ जीवन की बेहतरी और सभी की भलाई के लिए प्रयासरत है।

क्यों बनी गीता प्रेस इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की हकदार 
यह पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी आदर्शों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है।  पुरस्कार की घोषणा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर गीता प्रेस गोरखपुर को बधाई दी है |

क्या है ख़ास गीता प्रेस गोरखपुर में 
वर्ष 1923 में स्थापित गीता प्रेस दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता  शामिल है। ख़ास बात ये है कि लागत से कम मूल्य में धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए जाना जाता है। ऐसा बीते 100 साल से होता आ रहा है।आजकल जहाँ बड़े बड़े प्रकाशक मोती राशि लेकर कुछ भी त्रुटिपूर्ण प्रकाशित कर देते हैं वहीँ गीता प्रेस की संस्था ने राजस्व सृजन के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों में विज्ञापन पर भरोसा नहीं किया है।

गांधी शांति पुरस्कार के बारे में 
गांधी शांति पुरस्कार, महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में भारत सरकार द्वारा 1995 में स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार हैं।अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक परिवर्तन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ये पुरस्कार दिया जाता हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया ये ट्वीट
पुरस्कार की घोषणा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर गीता प्रेस गोरखपुर को बधाई दी है। 

गांधी शांति पुरस्कार सम्मान 
पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग की परवाह किए बिना सभी व्यक्तियों के लिए खुला हैं।इस पुरस्कार में एक करोड़ रुपये की राशि, एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला या एक हथकरघा वस्तु शामिल हैं।

ये संस्थाएं हो चुकी हैं सम्मानित 
पिछले पुरस्कार विजेताओं में इसरो, रामकृष्ण मिशन, बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक, विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी, अक्षय पात्र, बेंगलुरु, एकल अभियान ट्रस्ट, भारत और सुलभ इंटरनेशनल, नई दिल्ली जैसे संगठन शामिल हैं।

ये हस्तियां हो चुकी हैं सम्मानित 
हस्तियों की बात की जाये तो दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला और तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति जूलियस न्येरेरे जैसे दिग्गजों को भी प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।कुछ हालिया पुरस्कार विजेताओं में ओमान के सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद (2019) और बांग्लादेश के बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (2020) शामिल हैं।

You can share this post!

author

सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

Comments

Leave Comments