श्रद्धांजलि/सिनेमा/Delhi/New Delhi :
हिंदी सिनेमा की पहली ब्लाॅकबस्टर फिल्म ‘जय संतोषी मां’ की हीरोइन बेला बोस का निधन हो गया है। बेला ने अपनी एक्टिंग की एक लंबी पारी खेली है। उन्होंने 1950 से 1980 के दशक तक 200 से अधिक हिंदी और क्षेत्रीय भारतीय फिल्मों में एक्ट किया था।
फिल्म जगत से एक दुखभरी खबर सामने आई है। लेजेंड्री एक्ट्रेस और क्लासिकल डांसर बेला बोस का निधन हो गया है। दिवंगत एक्ट्रेस बेला ने 20 फरवरी को अंतिम सांस ली। बेला 79 वर्ष की थीं।
200 से ज्यादा की फिल्में
बेला ने 1950 से 1980 के दशक तक 200 से अधिक हिंदी और क्षेत्रीय भारतीय फिल्मों में काम किया था। बेला ‘शिकार’, ‘जीने की राह’ और ‘जय संतोषी मां’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में प्रतिभाशाली अभिनय के लिए जानी जाती थीं। बेला मल्टी-टैलेंटेड थीं। उन्हें उनकी एक्टिंग से ज्यादा डांस के लिए जाना था। माना जाता था कि स्टेज पर आते ही बेला एक अलग ही दुनिया में खो जाती थीं। उन्हें मणिपुरी क्लासिकल डांस फॉर्म में महारथ हासिल थी।
जीवन में रहीं तकलीफें
बेला बोस की शादी एक्टर और फिल्म मेकर असीस कुमार से हुई थी। उनका जन्म कोलकाता में एक संपन्न परिवार में हुआ था। उसके पिता एक कपड़ा व्यापारी थे और उसकी मां एक हाउसवाइफ थीं। बेला की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब एक बैंक क्रैश के बाद उनका परिवार दिवालिया हो गया। इसके बाद सभी ने मुंबई की ओर रुख किया, लेकिन कुछ समय बाद ही उनके पिता की एक रोड एक्सीडेंट में अचानक मौत हो गई.। पिता की मृत्यु के बाद अपने परिवार को सपोर्ट करने के लिए बेला ने फिल्मों में अपना करियर शुरू किया, लेकिन पढ़ाई जारी रखी। बेला ने स्कूल में ही एक डांस ग्रुप ज्वाइन किया और जगह-जगह परफॉर्म करने लगीं।
निभाए खलनायिका के किरदार
स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद बेला ने फिल्मों की राह चुनीं। 17 साल की उम्र में बेला ने बॉलीवुड में डेब्यू किया। उनकी पहली फिल्म गुरु दत्त के साथ ‘सौतेला भाई’ थी, जो 1962 में रिलीज हुई थी। बेला ने बंगाली नाटकों में भी एक्टिंग की। उन्होंने एक के बाद एक कई फिल्में की। उन्होंने अपने पूरे करियर में 200 से भी ज्यादा फिल्में की हैं। उनके नैन-नक्श इतने शार्प थे कि ज्यादातर खलनायिका के रोल ही मिला करते थे।
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