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‘साउथ से एक 67 साल का निर्देशक आया, जिसने हमारे चेहरे पर जोरदार तमाचा मारा...’: जावेद अख्तर का एक और बयान

मनोरंजन जगत

‘साउथ से एक 67 साल का निर्देशक आया, जिसने हमारे चेहरे पर जोरदार तमाचा मारा...’: जावेद अख्तर का एक और बयान

मनोरंजन जगत/सिनेमा/Goa/Panaji :

जावेद अख्तर ने मणिरत्नम की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘बॉम्बे फिल्म इंडस्ट्री के लोग बहुत आत्मसंतुष्ट और आश्वस्त हैं। हम अपनी श्रेष्ठता के प्रति पूर्णतः आश्वस्त रहते थे। और फिर, तमिलनाडु से एक निर्देशक आया, उसने उस तरह का काम करके हमारे चेहरे पर जोरदार तमाचा मारा जो हमने पहले कभी नहीं देखा था।’

भारतीय सिनेमा के जाने-माने गीतकार जावेद अख्तर आज कल अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं। कभी वे हिंसक सीन दर्शानी वाली फिल्म एनिमल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं तो कभी श्रीराम मंदिर के समर्थन में अपनी विचारधारा को बयां करते हैं। अब उन्होंने साउथ सिनेमा के जाने-माने निर्देशक मणिरत्नम के बारे में एक बयान दिया है। वैसे आपको बता दें कि जावेद अख्तर और निर्देशक मणिरत्नम शायद भारतीय फिल्म उद्योग में सबसे प्रसिद्ध नामों में से कुछ हैं। हाल ही में, जावेद अख्तर सिनेमा में उनके योगदान के लिए मणिरत्मन को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए।
जावेद अख्तर ने मणिरत्नम की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘बॉम्बे फिल्म इंडस्ट्री के लोग बहुत आत्मसंतुष्ट और आश्वस्त हैं। हम अपनी श्रेष्ठता के प्रति पूर्णतः आश्वस्त रहते थे। और फिर, तमिलनाडु से एक निर्देशक आया, उसने उस तरह का काम करके हमारे चेहरे पर जोरदार तमाचा मारा जो हमने पहले कभी नहीं देखा था।’
जावेद अख्तर ने 78 वर्षीय ने मणिरत्नम के काम को ‘अभूतपूर्व’ बताया और कहा, ‘हमें अपनी तकनीकी श्रेष्ठता पर पूरा यकीन था। उन्होंने हमें अनपढ़ बच्चों जैसा महसूस कराया।’ शोले, दीवार और डॉन जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखने का श्रेय पाने वाले अनुभवी लेखक ने कहा कि फिल्म उद्योग में मणिरत्नम की तरह सफलता बरकरार रखना बहुत कठिन है।
उन्होंने कहा, ‘यह राजनीतिक रूप से सही नहीं होगा लेकिन मैं आपको दस निर्देशकों के नाम बता सकता हूं जिन्होंने कई सुपरहिट फिल्में बनाई हैं लेकिन उन्हें कोई याद नहीं रखता। फिल्म उद्योग में, केवल सफलता ही आपको कायम नहीं रखती, बल्कि कुछ असाधारण काम से भी सफलता मिलती है, और वो मणिरत्नम द्वारा है।’
मणिरत्नम ने भी तारीफ करते हुए कहा, ‘जावेद साहब, मुझे लगता है कि हमें स्क्रिप्ट लिखने के लिए आपकी जरूरत है और इससे हमें बहुत मदद मिलेगी। खासतौर पर ऐसे समय में, जब हम सिर्फ संख्या की बात कर रहे हैं, मुझे लगता है कि हमें जावेद साहब की जरूरत है।’ मणिरत्नम ने आगे मजाक में कहा कि वो अगली फिल्म तब बनाएंगे जब जावेद अख्तर उनके लिए स्क्रिप्ट लिखेंगे।
जावेद अख्तर ने हाल ही में तब विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने परोक्ष रूप से संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म एनिमल की लैंगिकवादी और हिंसक सामग्री के लिए आलोचना की। 9वें अजंता-एलोरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में, बॉलीवुड के महान कलाकार ने फिल्म के एक दृश्य का जिक्र किया और कहा, ‘अगर कोई फिल्म है जिसमें एक आदमी एक महिला को अपने जूते चाटने के लिए कहता है या अगर कोई पुरुष कहता है कि एक महिला को थप्पड़ मारना ठीक है , और फिल्म सुपरहिट है, यह खतरनाक है।’
जवाब में, एनिमल के आधिकारिक एक्स पेज ने नोट किया, ‘आपकी क्षमता का लेखक एक प्रेमी (जोया और रणविजय के बीच) के विश्वासघात को नहीं समझ सकता है, तो आपकी सभी कलाएं बहुत बड़ी झूठी हैं और यदि एक महिला (के नाम पर एक पुरुष द्वारा धोखा दिया गया और मूर्ख बनाया गया) ने कहा होता ‘मेरा जूता चाटो’ तो तुम लोग इसे नारीवाद कहकर जश्न मनाते। प्रेम को लिंग की राजनीति से मुक्त होने दीजिए। चलो बस उन्हें प्रेमी कहें। प्रेमी ने धोखा दिया और झूठ बोला। प्रेमी ने कहा मेरा जूता चाटो।’
इसी बीच जाने- माने गीतकार ने कहा था, ‘राम और सीता केवल हिंदू देवी-देवता नहीं हैं बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत है। हालांकि मैं नास्तिक हूं, फिर भी मैं राम और सीता को इस देश की सम्पत्ति मानता हूं और इसीलिए मैं यहां आया हूं। रामायण हमारी सांस्कृतिक विरासत है और यह आपकी रुचि का विषय है।’ अख्तर ने कहा, ‘मुझे राम और सीता की भूमि पर जन्म लेने पर गर्व है, जब हम मर्यादा पुरूषोत्तम के बारे में बात करते हैं तो राम और सीता ही दिमाग में आते हैं।श् उन्होंने ये भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण हुआ और इस पर हंगामा करने का कोई मतलब ही नहीं है।’

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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